मनरेगा के आवेदन से पहले बन्द हुआ सेवा योजना की साईट,आवेदन के नाम पर विभाग के कृपा पात्र सेंटर पर लाखो रुपए वसूलने का आरोप

 बस्ती :- मनरेगा में निकली नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी तीन दिन से सेवा योजना कार्यालय का चक्कर लगा रहे है और जिम्मेदार उनको साईट बन्द होने की बात कह कर टरका रहे है। आज मनरेगा की नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन होना था शर्त थी पहले आओ पहले पाओ लेकिन सेवा योजना की साईट www.sevayojna.up.nic.in का सर्वर पहले से डाउन था जब अभ्यर्थी परेशान हो गए तो सेवा योजना कार्यालय पहुंचे लेकिन ऑनलाइन कह कर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ते नजर आए। जितने कर्मचारी उतनी बातें कोई इसके लिए वेंडर को जिम्मेदार बताता तो कोई कहता साईट nic। की है वो जाने।

लेकिन कार्यालय के ठीक सामने पूर्वांचल कम्प्यूटर पर लोगो की भीड़ बढ़ती जा रही थी पूछताछ पर पता चला कि मात्र इसी सेंटर पर साईट खुल रही है।पैसा दो दिन पहले से ही जमा हो रहा था आज 12 बजे के बाद हम रसीद मिलेगी।

एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे कार्यालय से इसके बारे में बताया गया कि पूर्वांचल कम्प्यूटर सेक्टर से  अप्लाई होगा उनके पास आईडी पासवर्ड हैविभग के माध्यम से होने वाली सारी योजना का आवेदन यही से होता है।सेवा योजना में रजिस्ट्रेशन हो या किसी नौकरी के लिए आवेदन यही से होगा कही और साईट नहीं खुलेगी।उस व्यक्ति ने सफाईकर्मी के लिए वहीं से आवेदन किया था ।विभाग के कर्मचारी ही कल तक लोगो को पूर्वांचल कम्प्यूटर सेंटर से काम करवाने की सलाह देते थे।

 

क्योंकि एक ही जगह साईट चलती है इसलिए मनमाना आवेदन शुल्क वसूला जाता है सूत्रों की माने तो उसमे बड़ा हिस्सा विभाग का भी होता है इसलिए विभाग के लोग ही सबको इस सेंटर का पता बताते है।

एक अभ्यर्थी जो सफाईकर्मी का आवेदन किया था ने बताया कि कहीं और से आवेदन होता ही नहीं बहुत मुश्किल से विभाग के एक आदमी ने यहां का पता बताया ,1000 रुपए लगे है आवेदन के ,आवेदन हो चुका है।

आपको बता दे 500 से शुरू हुआ आवेदन और रजिस्ट्रेशन शुल्क कल रात तक 10000 तक पहुंच के बन्द हुआ था सूत्रों से प्ताचला की ज्यादा पैसा देने प्र ही अप्लाई होगा क्योंकि विभाग की तरफ से कम आवेदन करने को कहा गया है।जिनका आवेदन करना था उनका शुल्क और पेपर एक दिन पहले जमा ही गया है आज किसिका का नहीं लिया जाएगा।

मौके पर सेंटर का शटर बंद था लेकिन जो लोग कल तक पैसा दे चुके थे वो लोग बाहर अपनी रसीद के लिए बैठे थे।

जब इस विषय पर विभाग के लोगो से संपर्क किया गया थी तो उन्होंने बताया कि निक की साईट है nic । मामला में हल्ला होता देख सेंटर की तरफ से देर शाम सेवा योजना की साईट नहीं चलने का नोटिस चिपका दिया गया।

ये हाल उस ऑनलाइन सिस्टम में बस्ती का है बाकी जगह क्या होगा।पहले आओ पहले पाओ में साईट कहीं से चली नहीं ,विशेष जगह प्र ही चल रही है ऐसे में पारदर्शिता प्र तो सवाल उठना लाजमी है ।क्या जिसका होना है वी पहले से निर्धारित है? यदि हां तो ये प्रचार क्यों और यदि नहीं तो लोगो को आवेदन करने का मौका क्यों नहीं मिल रहा।

इस विषय पर सीडीओ का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन इनका फोन रिसीव नहीं हुआ।